काव्य या साहित्य का माध्यम शब्द है। शब्द में अर्थ छिपा रहता है, इसी से भावनाओं का संचार होता है।
साहित्य मनुष्य के अनुभूत सत्य को सहृदय तक पहुँचाता है।
भारत तथा मानव समाज की सभ्यता या संस्कृति, मानवीय भावनाओं को परिष्कृत करने तथा उनकी अभिव्यक्ति का माध्यम वेद, संहिता, काव्य, नाटक आदि के विकास में रही है।
संस्कृत साहित्य ने मानव-जीवन को महत्व दिया, जातीयता से दिव्यता तक ले गया।
गीतों की मर्मस्पर्श प्रस्तुति ने जन-जन की संवेदना को उद्वेलित किया।
यह स्पष्ट है कि बहुत कुछ साहित्य के द्वारा ही हुआ है।
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