कार्नेलिया अपने गीत में अरुण यानी सुबह के सूर्य को संबोधित करते हुए भारत के प्राकृतिक और सांस्कृतिक सौंदर्य का वर्णन कर रही है। अरुणिमा नएपन का भी प्रतीक है। भारत के संस्कृति के दीप्त या प्रकाशित अर्थात उन तत्वों का प्रतीक है, जो भारतीय संस्कृति को विशिष्ट और महान बनाते हैं । कार्नेलिया भारत को संबोधित करते हुए ही भारत और भारत के सांस्कृतिक गौरव को भी संबोधित कर रही है। वह कह रही है कि यह देश, यह हमारा देश, यानी यह भारत देश मधुमेह है, सुन्दर है और अपने संस्कृति तथा प्राकृतिक सौंदर्य के कारण सहज ही सम्मोहित करने वाला है । कार्नेलिया भारत के सौंदर्य से, भारत की संस्कृति से और भारत की प्रकृति से इस तरह प्रभावित है कि वह भारत को अपना देश कह रही है । वह स्वयं एक यवन (युनानी/ग्रीक ) कन्या है । वह भारत पर आक्रमण करने वाले सिकंदर की सेना पति सेल्यूकस की पुत्री है, लेकिन उसका भारत की संस्कृति और प्रकृति से गहरा लगाव भारत को अपना देश कहने के लिए बाते करता है । वह भारत की मधुमय लगने का कारण ही बताती है वह कहती हैं कि भारत मधु माँ इसलिए है भारत सुन्दर इसलिए है क्योंकि यहाँ की जो सुबह हैं यहाँ का का जो सुबह का प्रकाश है सुबह का समय है वह सरस कमलों को अपने गर्भ में धारण किए हुए हैं यानी कि यहाँ के प्रभात वेला में सरोवरों में सुन्दर सुन्दर लाल रंग के कमल खिले रहते हैं या सूरज की लाल लाल किरणें भारत की सदानीरा धरती केस रोवर और नदियों में जब पड़ती है तो ऐसा लगता है कि पूरी भारत भूमि भारत का संपूर्ण जलाशय भारत की समूची प्रकृति लाल लाल कमरों से भर लिए भारत के बन बाग उप मान मैं सीतला मंद सुगंध हवा जब सुबह चलती है तो वृक्षों की सिखाए इस तरह से झूमने लगती है जैसे लगता है कि कोई बालिका इस सौंदर्य को देख कर अत्यंत नृत्य कर रहे भारत की धरती निपटे वसंत की धरती है सुजलाम सुफलाम श्याम अलार्म यह सुझाव है सुंदर फलों से युक्त है फसलों की हरितिमा से युक्त है वंदे मातरम् का विचार नहीं बंकिम जिन विशेशताओं का वर्णन कर रहे हैं उसी का वर्णन यहाँ कार्य लिया के माध्यम से बेसन का प्रसाद ने भी किया है छुट का जीवन हरियाली पर भारत के यू हरी भरी जीवंत हरा रंग जीवंतता का प्रतीक है जीवन का प्रतीक है तो जो भरी भरी अंत धरती है भारत की उस हरी भरी जीवंत धरती पर छुटके हुआ सुबह का प्रकाश सुबह के सूर्य की लाल लाल किरणें ऐसी लग रही है जैसे उन पर किसी ने शुभता के कला सिंदूर बिखेर दिया है कुमकुम बिखेर दिया है कुमकुम मंगल का प्रतीक है शुभता का प्रतीक है और हरितिमा जीवन का इसे देखकर ऐसा लगता है जैसे भारत की हरी भरी धरती सौभाग्यवती हो गई है सुहागण हो गयी है ।