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शनिवार, 23 नवंबर 2024
पूस जाड़ थरथर तन काँपा
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यह काव्यांश: पूस जाड़ थरथर तन काँपा। सुरुज जड़ाइ लंक विसि तापा। बिरह बाढ़ि भा दारुन सीऊ। कँपि-कँपि मरौं लेहि हरि जीऊ। कंत कहाँ हौं लागौं ...
गहन देवस घटा निसि बाढ़ी
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गहन देवस घटा निसि बाढ़ी। दूभर दु:ख सो जाइ किमि काढ़ी। अब धनि देवस बिरह भा राती। जर बिरह ज्यों बीपक बाती। काँपा हिया जनाबा सीऊ। तौ पै जाइ होइ...
शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
विद्यापति के पद
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विद्यपति परिचय : जन्म : 1352 ई. मृत्यु : 1448 ई. आश्रय दता राजा: कीर्ति सिंह और शिव सिंह (तिरहुत के राजा थे) रचनाएं : विद्यापति ...
कुसुमित कानन हेरि कमलमुखि
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पद-3 कुसुमित कानन हेरि कमलमुखि, मूँदि रहल दु नयान। कोकिल-कलरख, मधुकर-धुनि सुनि, कर देइ झाँपड कान।। माधय, सुन-सुन बचन हमारा। तुअ गुन सुंदर...
सखि हे कि पुछसि अनुभव मोए
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विद्यपति परिचय : जन्म : 1352 ई. मृत्यु : 1448 ई. आश्रय दता राजा: कीर्ति सिंह और शिव सिंह (तिरहुत के राजा थे) रचनाएं : विद्यापति प...
के पतिआ लए जाएत
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विद्यपति परिचय : जन्म : 1352 ई. मृत्यु : 1448 ई. आश्रय दता राजा: कीर्ति सिंह और शिव सिंह (तिरहुत के राजा थे) रचनाएं : विद्यापति पद...
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